मेरे स्वर्गीय पिता श्री हीरालाल कौशिक जो राजस्थान प्रशासनिक सेवा के एक उच्च अधिकारी थे तन्त्र मन्त्र में विशेष रूची रखते थे सौभाग्य से उनकी हस्तलिखित डायरी जिसमें काफी दुर्लभ मन्त्र लिखें हैं मेरे पास है यद्पि डायरी काफी फटी हुयी है तथा कुछ पृष्ठों की स्याही सिलन से मिट भी गयी है परन्तु उस खजाने से कुछ जनोपयोगी सामग्री में अपने ब्लोग पर डाल सकता हुं।
तो आज उसी खजाने से सारस्वत्य मन्त्र पेश है जिसका अभ्यास आने वाले शारदीय नवरात्रों से विधार्थि व प्रतियोगिता परीक्षा देने वाले कर सकते हैं।
डायरी के अनुसार इसकी केवल एक माला ( 108 जाप) प्रतिदिन करना पर्यापत है।
”ॐ ह्रीं श्रीं वद् वद् वाग्वादिनी भगवती सरस्वति मम विधां देहि देहि स्वाहा”
यहां थोड़ा उच्चारण पर स्पष्ट कर दूं कि संस्कृत में अनुस्वार का उच्चारण म हो ता है अर्थात ह्रीं का उच्चारण हीरिम व श्रीं का उच्चारण श्रीम तथा विधां का उच्चारण विधाम होगा।
यह मन्त्र कितना प्रभावी है मैने कभी उपयोग नहीं किया अतः जो पाठक उपयोग करें वो कृपया कमेंटस में बताने की कृपा करें कि उनको इससे लाभ हुआ
इस ब्लोग पर तंत्र, मंत्र, ज्योतिष, वास्तु व अध्यातम के क्षेत्र की जानकारी निस्वार्थ भाव से मानव मात्र के कल्याण के उद्देश्य से दी जाती है !
Saturday, September 17, 2011
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भूत देखने के लिये प्रयोग
आप भूत प्रेत नहीं मानते हो तों एक सरल सा प्रयोग मैं आपको बता देता हूं ताकि आप भूत जी के दर्शनों का लाभ उठा सकें यह प्रयोग मुझे एक तांत्रिक न...

शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद भाई साहब।
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ReplyDeletesir ji namaskar, mein IAS ki tayari ker rha hu. mantra japne ka koi vishesh vidhi hai ya kabhi bhi kisi bhi samay jap sakte hai. koi vishesh sawdhani ho to btane ka kast kare. Reply plz thax with regards
ReplyDeletePadam sing ji koi vishesh vidhi ya savdhani nahi hai sarswati ma hai balak ma ko kabhi bhi pukar sakta hai
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