Thursday, June 3, 2010

ब्रहम् मुहर्त में उठने से लाभ


अग्रेंजी में एक कहावत है कि “Early to bad and early to rise makes a man healthy wealthy and wise" हमारे धर्मग्रन्थों में भी इससे मिलती जुलती बातें कही गयी है। पदम पुराण में आता है कि सुर्योदय से पहले उठने से शरीर स्वस्थ व कमल के समान सुन्दर बनता है।
क्या आप इसे मानते हैं? मेरी इसमें स्पष्ट धारणा है कि सुबह सुर्योदय से 2 घन्टा पहले बिस्तर नहीं छोड़ने वालों को अपने जीवन में विकास की आशा नहीं करनी चाहिये।मैने अनेक प्रयोग व अनुभवों से इस कथन को सही पाया इसके निम्न कारण है।
1. प्रातः सुर्योदय से पूर्व प्रातः 4 से 6 के समय उठने वालों के शरीर में स्टीरायड का स्तर बढ़ जाता है। इसे विज्ञान भी मानती है। यह स्टीरायड प्राकृतिक होता है तथा शरीर का स्टेमिना ( साहस धैर्य सहनशीलता)बढ़ाता है।तथा अनेक रोग प्राकृतिक रूप से दुर करता है।
यही कारण है कि बाबा रामदेव के प्राणायाम से भी ज्यादा फायदा तभी मिलता है जब यह प्राणायाम प्रातः 4 से 6 बजे के बीच किये जाते हैं। आप इस अवधि में प्राणायाम न भी करें खाली ध्यान व पूजा कर सकते हैं या घूमने जा सकते हैं।
2. प्रातः 2 धन्टे जल्दी उठने से आप दुनिया से 2 घन्टे आगे हो जाते हैं जिससे इस कम्पीटीशन के युग में आप इन 2 घन्टों का सदुपयोग अपनी पढाई व अन्य कार्यों में कर सकते हैं।
3. 6 से 7 घन्टे प्रतिदिन सोने वालों में , 8 से 9 घन्टे प्रतिदिन सोने वालों में व 10 से 12 घन्टे प्रतिदिन सोने वालों में से मैने अनुभव किया है कि 6 से 7 घन्टे सोने वाले का मस्तिष्क ज्यादा उर्जावान व विशेष आध्यातमिकता से युक्त होता है।
हालांकि मैं स्वंय भी ब्रहम मुहर्त में नियमित रूप से नहीं उठ पाता हुं परन्तु शारिरीक स्वास्थ्य एंव आध्यातमिकता के लिहाज से ऐसा करना आवश्यक है। फिर भी जल्दी न उठ सकें तो कम से कम ऐसी आदत बनाने के प्रयास तो करते रहिये ।

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