यदि आप धनवान होना चाहते हैं तो यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिये। भारत में एक पंथ विशेष के लोग प्याज लहसुन आदि मूल (जड़) में उत्पन्न वस्तुएं नहीं खाते तथा इस पंथ ( जाति) के लोग धनवान भी खुब होते हैं।
इसके रहस्य को समझना आपको भी धनवान बनने में मदद कर सकता है। मान लिजिये आपके पास चार प्याज है तथा आपकी प्याज के पकौड़े व प्याज की कढ़ी खाने की इच्छा है तो आप क्या करेगें ?
आप इन प्याजों को काटकर प्याज के पकौड़े व कढ़ी बना लेगें। अब मैं आपसे पुछूं कि आप इन पकौड़ों व कढ़ी में प्याज नहीं डालते तो क्या फर्क पड़ता? आप झट से जबाब देगें कि अरे प्याज की खुश्बू से खाना स्वादिष्ट हो जाता है ।
अब इसका दुसरा तरीका भी आपके पास था वो ये कि आप इन चार प्याजों को गमले में उगा देते तथा इनके पतों को बारीक काट कर पकौड़ो व कढ़ी में डालते तो भी आपको वही फलेवर व स्वाद मिलता जो प्याज डालने पर आया था परन्तु इस विधि में आप हर 3 से 7 दिन में इन पतों को काट कर 4 प्याज का स्वाद जीवन भर ले सकते हैं।
बस यहि इस जाति की खासियत है ये जहां तक हो सके मूलधन को नहीं खाते मूलधन को ये लोग मूड़ी कहते हैं केवल मूल से उत्पन्न पते (ब्याज) खाकर जीवन भर काम चला लेते हैं। इसी जाति के एक व्यक्ति ने मुझे बताया कि यदि 10000 रूपये किसी को 2 रूपये सैंकड़ा ब्याज पर दिये जावें तथा ब्याज हर माह जोड़ा जावे तो 30 वर्ष में ये लगभग 1 करोड़ रूपये हो जाते हैं।
यदि आपके पुरखों ने 100 वर्ष पहले 15 प्रतिशत चक्रवृद्वि ब्याज से आपके नाम 1 रूपये की फिक्स डिपोजिट करवायी होती तो आज आपको उसके 10 लाख रूपये मिलते।
तो श्रीमान प्याज मत खाईये इसको उगाकर इसके पतों का ब्याज खाईये।
इसके रहस्य को समझना आपको भी धनवान बनने में मदद कर सकता है। मान लिजिये आपके पास चार प्याज है तथा आपकी प्याज के पकौड़े व प्याज की कढ़ी खाने की इच्छा है तो आप क्या करेगें ?
आप इन प्याजों को काटकर प्याज के पकौड़े व कढ़ी बना लेगें। अब मैं आपसे पुछूं कि आप इन पकौड़ों व कढ़ी में प्याज नहीं डालते तो क्या फर्क पड़ता? आप झट से जबाब देगें कि अरे प्याज की खुश्बू से खाना स्वादिष्ट हो जाता है ।
अब इसका दुसरा तरीका भी आपके पास था वो ये कि आप इन चार प्याजों को गमले में उगा देते तथा इनके पतों को बारीक काट कर पकौड़ो व कढ़ी में डालते तो भी आपको वही फलेवर व स्वाद मिलता जो प्याज डालने पर आया था परन्तु इस विधि में आप हर 3 से 7 दिन में इन पतों को काट कर 4 प्याज का स्वाद जीवन भर ले सकते हैं।
बस यहि इस जाति की खासियत है ये जहां तक हो सके मूलधन को नहीं खाते मूलधन को ये लोग मूड़ी कहते हैं केवल मूल से उत्पन्न पते (ब्याज) खाकर जीवन भर काम चला लेते हैं। इसी जाति के एक व्यक्ति ने मुझे बताया कि यदि 10000 रूपये किसी को 2 रूपये सैंकड़ा ब्याज पर दिये जावें तथा ब्याज हर माह जोड़ा जावे तो 30 वर्ष में ये लगभग 1 करोड़ रूपये हो जाते हैं।
यदि आपके पुरखों ने 100 वर्ष पहले 15 प्रतिशत चक्रवृद्वि ब्याज से आपके नाम 1 रूपये की फिक्स डिपोजिट करवायी होती तो आज आपको उसके 10 लाख रूपये मिलते।
तो श्रीमान प्याज मत खाईये इसको उगाकर इसके पतों का ब्याज खाईये।
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