आईये आपको गणेश चतुर्थी के दिन की जाने वाली एक सरल व छोटी सी पूजा बतायें जिससे आप पर ऋण हो तो दुर होकर अन्न धन्न के भंडार भर जावेगें।
एक गणेश जी की फोटो या मूर्ति लेवें वो भी नहीं मिले तो इस ब्लोग पर दिया चित्र चलेगा। उनके आगे 21 दुर्वा चढावें। तथा 5 मोदक या मोतीचुर के लडडू रखें तथा गाय के घी का दीपक करें गाय का घी नहीं मिले तो देसी घी कोई भी ले लेवें।हाथ जोड़कर श्रद्धा से यह श्लोक पढ़ें।
ॐ नमो विध्नराजाय सर्व सौख्य प्रदायिने दुष्टारिष्ट विनाशाय पराय परमात्मने लम्बोदरं महावीर्य नागयज्ञोपशोभितम अर्ध चन्द्रम धरम देवं विघ्न व्यूह विनाशनम ॐ ह्रां ह्रीं हु् हें हों हं हेरम्बाय नमों नमः सर्व सिद्धि प्रदोसी तवं सिद्धि बुद्धि प्रदो भव चिन्तितार्थ प्रदस्तवं ही स्ततं मोदक प्रियः सिन्दुरारेण वस्त्रेच पुजितो वरदायक इदं गणपति स्त्रोतं य पठेद भक्तिमान नरः तस्य देहं च गेंह च स्वंय लक्ष्मीने मुच्यनति ॐ।।
फिर 21 बार यह मन्त्र पढें
।।ॐ नजगजीक्षस्वामी ॐ नजगजीक्षस्वामी ।। (दो उच्चारण का एक मन्त्र हुआ)
बस लडडुओं का एक टुकड़ा अग्नि में भोग लगाकर बाकी लडडु प्रसाद में ले सकते हैं।
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