इस ब्लोग पर तंत्र, मंत्र, ज्योतिष, वास्तु व अध्यातम के क्षेत्र की जानकारी निस्वार्थ भाव से मानव मात्र के कल्याण के उद्देश्य से दी जाती है !
पाठकों से निवेदन
इस ब्लोग पर तंत्र, मंत्र, ज्योतिष, वास्तु व अध्यातम के क्षेत्र की जानकारी निस्वार्थ भाव से मानव मात्र के कल्याण के उद्देश्य से दी जाती है तथा मैं कोई भी फीस या चन्दा स्वीकार नहीं करता हुं तथा न हीं दक्षिणा लेकर अनुष्ठान आदि करता हुं ब्लोग पर बताये सभी उपाय आप स्वंय करेगें तो ही लाभ होगा या आपका कोई निकट संबधी निस्वार्थ भाव से आपके लिये करे तो लाभ होगा। साईं बाबा तथा रामकृष्ण परमहंस मेरे आदर्श है तथा ब्लोग लेखक सबका मालिक एक है के सिद्धान्त में दृढ़ विश्वास रखकर सभी धर्मों व सभी देवी देवताओं को मानता है।इसलिये इस ब्लोग पर सभी धर्मो में बताये गये उपाय दिये जाते हैं आप भी किसी भी देवी देवता को मानते हो उपाय जिस देवी देवता का बताया जावे उसको इसी भाव से करें कि जैसे पखां,बल्ब,फ्रिज अलग अलग कार्य करते हैं परन्तु सभी चलते बिजली की शक्ति से हैं इसी प्रकार इश्वर की शक्ति से संचालित किसी भी देवी देवता की भक्ति करना उसी शाश्वत निराकार उर्जा की भक्ति ही है।आपकी राय,सुझाव व प्रश्न सीधे mahesh2073@yahoo.comपर मेल कीये जा सकते है।
सबसे ज्यादा प्रदूषण ना तो पराली जलाने से होता है ना ही पटाखों से होता है। सबसे ज्यादा प्रदूषण वाहनों से होता है अतः सरकारों को मेरी सलाह है कि सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन तुरंत प्रभाव से रद्द करके वाहनों को जमा कर लेवे तथा बदले में वाहन अनुसार स्कूटर मोटर साईकल वालों को एक एक खच्चर दे देवे। कार जीप वालों को एक एक तांगा ( मंहगी कार जीप वालों को घोड़े का तांगा व सस्ती कार जीप वालों को गधे का तांगा) दे देवे।
ट्रक वालों को एक एक बैलगाड़ी या उंट गााड़ी दे देवे। रोडवेज व बसों के स्थान पर उतम नस्लों के अरबी घोड़ों वाले तेज गति के सार्वजनिक तांगें चलवा देवे। फिर देखो फायदा तेल में जा रही विदेशी मुद्रा भी बचेगी तथा प्रदूषण भी कम हो जायेगा।
अभी आपको उक्त मांग पढ़कर हंसी आ रही होगी पर संसार चक्रीक रूप से चलता है पुराना फैशन यहां नया बन कर आता है वो दिन अब दूर नहीं लग रहा जब कानुन व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों के पास अच्छी नस्लों के घोड़े होगें आम जनता के पास सायकिल गधे व खच्चर होगें। बैलगाड़ी व तांगें की आरसी बनेगी पैट्रोल पम्पों की जगह चारा डीपो खुलेगें।
घर पर माल्ट वाला प्रोटिन पाउडर या मिल्क सप्लीमेंट या माल्ट हैल्थ ड्रिकं कैसे बनायें? How to make chocolate malt protein health powder milk supplement at home?
बाजार में मिलने वाले मिल्क सप्लीमेंट हैल्थ पाउडर व प्रोटिन पाउडर की सच्चाई को आप जानने के बाद आप कभी भी अपनी मेहनत की कमाई को इन पर बरबाद नहीं करना चाहेगें।
मेरे साथ वर्ष 2013 में ये घटना हो चुकी है मेरे एक परिचित जो एमबीबीएस डाक्टर भी थे एक नेटवर्क मार्केटिगं कंपनी से जुड़े हुये थे उन्होने मुझे इस प्रसिद्ध कपंनी का एक महंगा हैल्थ पाउडर बेच लिया जो मैने स्वयं भी दूध में मिलाकर पिया व अपने 10 वर्ष के बच्चे को भी पिलाया ।
पाउडर पीने के बाद मुझे ऐसा लगा कि इससे अच्छा हैल्थ पाउडर हो ही नहीं सकता क्यों कि मुझे बहुत एनर्जी महसूस हुयी खुब भूख लगती अच्छी नींद आती व मेरे मसल्स भी कुछ कुछ फिल्मों जैसे बनने लगे बच्चे को जो एलर्जी रहती थी वो ठीक हो गयी । मैं खुश हो गया पुरे परिवार को ये पाउडर पीलाने लगा डाक्टर साहब जमकर चांदी काटने लगे क्यों कि नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी से जुड़े होने के कारण उनको जमकर कमीशन मिलने लगा मैने सोचा चलो सेहत के लिये इतना प्योर पाउडर मिलता है तो अच्छा ही है।
जब कुछ समय के लिये मैं अपने रिश्तेदारी में कहीं गया व ये पाउडर कुछ समय के लिये बंद हुआ तब मालुम चला मेरी घूटनों गर्दन व पीठ की हडिडयों में भयानक दर्द आया रात की नींद उड़ गयी भूख बंद हो गयी बच्चे का लीवर खराब हो गया जबरदस्त न्यूमोनिया हो गया बच्चा मरते मरते बचा। डाक्टरों ने मुझे भी गर्दन का आपरेशन करवा लेने की सलाह दी मेरा शक उस पाउडर पर ही गया जिसमें सभंवत स्टीराॅयड का इस्तेमाल किया गया था।
उसके बाद मैने बाजारू पाउडर दूध में मिला कर पीने से तौबा कर ली व इस बारे में रिसर्च की तो मालूम चला की माल्ट सबसे अच्छा स्वदेशी नैचुरल हैल्थ ड्रिकं होता है। Malt is also use in beer
माल्ट क्या होता है?- जब देवताओं के आहार जौ को अकुंरित किया जाकर फिर सुखा कर पीस लिया जाता है तो उसे माल्ट कहते हैं। जौ अर्थात बारले में कैल्शियम मैग्निशियम जिंक आदि भगवान के मिलाये उचित अनुपात में होते हैं आयुर्वेद में जौ कि राख यवक्षार के नाम से पथरी निकालने व जोड़ों के दर्द के लिये काम में ली जाती है। मेरे पोपटी ब्लोग पर माल्ट से मर्दाना शक्ति बढ़ती है इस बारे में एक आर्टिकल पहले ही मैं लिख चुका हूं आप उसे इस लिंक पर पढ़ लेवेंः-
अब आपको माल्ट से हैल्थ ड्रिकं बनानें की मेरी रेसिपी बता देता हूं जो मैने बहुत शोध के बाद तैयार की है तथा इससे परफेक्ट हैल्थ ड्रिंक आपके व आपके परिवार के लिये नहीं बन सकता क्यों कि इसमें जौ से बने माल्ट के अलावा बादाम सौफं खसखस चीनी व चाॅकलेट पाउडर का उचित अनुपात में समिश्रण किया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि ये सबकुछ आप घर पर खुद बनायेगें जिससे इसमें स्टीराॅयड व ड्रग्स आदि कैमिकल का प्रयोग नहीं हुआ है इस बारे में आप निश्चिंत रहेगें। इससे फायदा तो होगा ही व नुकसान बिल्कुल नहीं हो सकेगा।
घरेलु माल्ट युक्त प्रोटिन पाउडर वाला हैल्थ ड्रिंक बनानें की रेसिपीः-
सामग्रीः-
1.जौ या जौ का दलिया 250 ग्राम
2.बादाम केवल 5 नग सावधान रहें लालच ना करें 5 से ज्यादा बादाम प्रयोग नहीं करें बादाम में कैल्शियम आक्जलेट होता है जो ज्यादा खाने पर पथरी करता है। 250 गा्रम जौ के अनुपात में 5 बादाम हानिरहित है व इतने आपकी सेहत के लिये पर्याप्त रहेगें।
3.खसखस एक चम्मच
4.सौफं या वरियाली एक चम्मच
5.गुड़ 100 ग्राम
6.चाॅकलेट पाउडर 50 ग्राम ( बाजार में मिल जाता है) जो चाॅकलेट पाउडर नहीं डालना चाहें वो सूखी डेरी मिल्क चाॅकलेट यूज कर सकते हैं।
विधिः- यदि आप इसे 15 फरवरी से 15 मई के बीच बना रहे हैं तो आप जौ को अकुंरित करके बना सकेगें इसके अलावा के मौसम में घर पर माल्ट बनानें का प्रयास करने पर वातावरण में नमी की मात्रा ज्यादा होने से व गरमी तथा घूप कम होने से अकुरित जौ वापस आपसे अच्छी तरह सुखेगें नहीं तथा वो फगंस आने से खराब हो जायेगें। आप ओवन में सुखा सकें तो कभी भी बनायें नहीं हो माल्ट तो खाली 15 फरवरी से 15 मई के बीच ही बना कर एक साथ पुरे साल की यूज के लिये रख लेवें। अकुंरित जौ को सुखा कर रखना माल्ट कहलाता है
अकुंरित जौ भी सुखाने के बाद पीस कर नहीं रखें साबुत ही स्टोर करके रखें व जरूरत के अनुसार 250 गा्रम की मात्रा ही एक बार में पीस कर माल्ट बनावें नही तो ये हीनवीर्य हो जायेगें अर्थात इनकी खुश्बू उ़ड़ जायेगी व इनके गुण कम हो जायेगें।
यदि वर्षा के मौसम व ठंडे मौसम में बना रहे हैं व आपके पास माल्ट नहीं है तो जौ अकुंरित करके सुखाने की कोशिश बगैर ओवन के ना करें। क्यों कि इससे फगंस पैदा हो जाने से आपको हानि हो सकती है।
ठंडे व नमी के मौसम में बाजार में मिलने वाले जौ के सुखे दलिये का प्रयोग करें जौ के दलिये में भी सभी जौ के गुण होते हैं केवल अकुंरित करने से विटामिन व एंजाईम की जो मात्रा बढ़ जाती है उसका लाभ नहीं मिलेगा बाकी जौ का दलिया भी ठंडा व प्रोटिन मिनरल तथा विटामिन से भरपुर होता है। जौ देवताओं का आहार माना जाता है।
बस अब रेसिपी बहुत सिम्पल है जौ या माल्ट 250 गा्रम 5 बादाम 1 चम्मच खसखस 1 चम्मच सौंफ 100 ग्राम गुड़ 50 ग्राम चाॅकलेट पाडर को मिक्सी में पीसें मिक्सी ज्यादा देर नहीं चलाये। ज्यादा मिक्सी चलाने पर मिश्रण चिपचिपा हो जायेगा छनेगा नहीं।
मिक्सी में थोड़ा पीस कर बारीक छलनी या कपड़े से छानें फिर वापस पीसें व छानें फिर वापस पीसें व छानें ऐसा करके बारीक पाउडर बना कर ऐयरटाईट डिब्बे में रखें व आवश्यकता अनुसार दूध में मिलाकर पीयें।
इस वर्ष 21 सितम्बर 2017 से शारदीय नवरात्रा शुरू हो रहें हैं नौ दिन तक चलने वाले इस हिन्दू धर्म के महापर्व को हर हिन्दू को अवश्य मनाना चाहिये क्यों कि इससे आपको वर्ष भर तक शक्ति सौभाग्य आरोग्य व सुख समृद्धि प्राप्ति होती है।
शारदीय नवरात्रि 2017 कलश स्थापना का मुर्हत:-
21 सितम्बर 2017 गुरूवार को प्रात 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक शुभ का चौघड़िया है इसमें घट स्थापना कर सकते हैं क्यों कि कुछ साधक प्रातः काल घट स्थापना होने तक कुछ भी खाते पीते नहीं है उनको प्रात काल के इस महुर्त में घट स्थापना कर लेनी चाहिये।
कुछ साधक अभिजीत मर्हंत में घट स्थापना करना चाहते हैं उनको दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 24 मिनट के बीच में घट स्थापना करनी होगी क्यों कि इस दिन 12 बजे से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक लाभ का चौघड़िया है जो लोग दुकानों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों में घट स्थापना करना चाहते हैं उनके लिये भी लाभ के चौघड़िया में घट स्थापना करना उतम है।
यहा स्पष्ट रहे कि अभिजित महुर्त 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक है व लाभ का चौघड़िया 12 बजे से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक माना गया है इसलिये 12 बजे से 12 बजकर 24 मिनट का समय ऐसा है कि उसमें लाभ का चौघड़िया एवम अभिजित मर्हुत दोनो ही है।
नवरात्रि में क्या पूजा करेंः-
नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ पूर्ण विधि विधान से करना सबसे श्रेष्ठ पूजा है परन्तु जिन लोागें को सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती के 13 अध्यायों का पाठ करना मुश्किल जान पड़ता है तथा 13 अध्याय के साथ साथ उसके 6 अंगों का पाठ भी करना पड़ता है जो कवच अर्गला स्त्रोत व कीलक कहलाते हैं।
ये सब आजकल के व्यस्त जीवन में गृहस्थों को करना काफी मुश्किल लगता है उनके लिये मूर्ति रहस्य में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि केवल मध्यम चरित्र अर्थात दुर्गा सप्तशती के अध्याय 2, 3 एंव 4 का पाठ कर लेने से ही समपूर्ण दुर्गा सप्तशती के पाठ के फल की प्राप्ति हो जाती है।
अतः मेरी राय में आप दुर्गा सप्तशती के अध्याय 2, 3 व 4 का पाठ कर लेवें साथ में सिद्ध कुंजिका स्त्रोत पढ लेवें में स्वंय भी इतना ही करता हुं ।
आप गीता प्रेस गोरखपुर की दुर्गा सप्तशती हिन्दी व संस्कृत में इस लिंक से मुफत डाउनलोड कर सकते हैं:-
जो साधक ओनलाईन दुर्गा सप्तशती मंगवाना चाहें वो गीता प्रोस गोरखपुर की छपी हुयी दुर्गा सप्तशती अमेजन के इस लिंक से मात्र 50 रूपये में ओनलाईन मगंवा सकते हैं:-
कहते हैं कि सतयुग में दुर्गा सप्तशती के मन्त्र इतने जागृत व स्वयम सिद्ध थे कि इसका पाठ करने वाला कोई भी व्यक्ति अनेक सिद्धिया प्राप्त कर लेता था फिर उन सिद्धियों के दुरूपयोग से समाज में आतंक होने लगा तो महादेव जी ने इन मन्त्रों को कीलीत करने का श्राप दे दिया।
जिससे अब वर्तमान समय में शापोद्धार व कीलक का प्रयोग करके ही दुर्गा सप्तशती का पाठ सफल किया जा सकता है जो लोग सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं उसमें तो शापोद्धार व कीलक के मन्त्र विशेष है जो शुरू में ही पढने होते हैं पर जो पुरी दुर्गा सप्तशती नहीं करके केवल मध्यम चरित्र अर्थात दुसरा तीसरा व चौथा अध्याय ही करना चाहते हैं उनको शापोद्धार व कीलक करना है या नहीं?
ये प्रश्न अक्सर देवी भक्तों के मन में रहता है।
इसका समाधान दुर्गा सप्तशती के ही कीलक स्त्रोत में दिया है जिसके अनुसार भगवती का साधक कृष्ण पक्ष की अष्टमी या चतुर्दशी को भगवती की सेवा में अपना समस्त धन आदि समर्पित करते हुये मन ही मन भावना करे कि आज से मैने मेरा सब कुछ आपको समर्पित कर दिया है उसके बाद ऐसी धारणा करे कि मां कह रही है कि बेटा संसार यात्रा के निर्वाहण हेतु तुं मेरा ये धन प्रसाद बुद्धि से ग्रहण करके उचित रीती से व्यय कर उसके बाद अपना सब कुछ भगवाती को दिया हुआ मानकर प्रसाद बुद्धि से सदुपयोग करे तो इससे सप्तशती का शापोद्धार होता है।
अर्थात आपको नवरात्रा प्रारंभ होने से दो दिन पहले जो कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी आती है उसमें पहले उक्त विधी से शापोद्धार करके फिर नवरात्रा में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना होगा ।
जो दुर्गा सप्तशती नहीं करना चाहते वे प्रतिदिन तीन माला नवार्ण मन्त्र की कर सकते हैं साथ में सिद्ध कुंजिका स्त्रोत पढ लेवें सही नवार्ण मन्त्र निम्न है इसके अन्त में नमो या नम नहीं लगता:-
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
नवरात्रा व्रत में क्या खायें? :-
नवरात्रा व्रत में अनेक प्रकार से कर सकते हैं इसमें यदि एक समय केवल कच्चे फल व सलाद खाकर व्रत करें तो सबसे अच्छा होता है।
पर ये केवल कच्चे फल व सलाद खाकर व्रत नौकरीपेशा व्यक्ति व आजकल के गृहस्थी जो पहले से ही अनेक बीमारियों से घिरे हैं तथा जिनको कच्चा खाने की आदत नहीं है वे नहीं कर सकते या करने का प्रयास करते हैं तो उनको गैस एसिडीटी आदि बीमारियां हो सकती है।
इसलिये आप एक समय कच्चे फल सलाद आदि व दुसरे समय भोजन करके भी व्रत कर सकते हैं केवल भोजन में प्याज लहसून व मासांहार का प्रयोग नहीं करें।
नवरात्रा पर भूखे मरने की आवश्यकता नहीं है आपके लिये प्रतिदिन आप अलग अलग सात्विक स्वादिष्ठ फलाहार कैसे तैयार कर सकते हैं इसकिे लिये कुछ विडियो का संकलन भी किया है आप यूटयूब पर विडियो देखकर आसानी से घर पर सात्विक फलाहार बनाकर भी व्रत कर सकते हैं।प्रतिदिन अलग अलग फलाहार खाने के लिये निम्न यूटयूब के विडियो के लिंक से आप विडियो देख सकते हैंः-
1. केवल दुध से बने स्वादिष्ठ राजभोग का विडियो:-
2.फलाहारी डोसा व नारियल की चटनी बनाने का विडियोः-
3.स्वादिष्ठ फलाहारी खिचड़ी बनाने का विडियोः-
4. फलाहार के लिये स्वादिष्ठ मोमोज बनाने का विडियो:-
5. दुध से बने स्वादिष्ठ फलाहारी रसगुल्ले का विडियो :-
6.फलाहारी स्वादिष्ठ दुधी या लौकी का हलवा बनाने का विडियोः-
7. फलाहारी नारियल के लडडू बनाने का विडियोः-
8.पाउडर के दुध से बने स्वादिष्ठ पेड़े का विडियो:-
9.फलाहारी शयामक के पापड़ बनाने का विडियो-
10. फलाहारी केसर बरफी बनाने का विडियोः-
11.साीधे आलु से बगैर सुखाये कुरकुरे वैफर्स बनाने की विधी का विडीयोः-
सााधना में आपकी प्रगति के सूचक:-
हम नवरात्रा व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति व प्रेम से करते हैं तो हमें भी ये जाानने का हक रहता है कि क्या हमारी भक्ति फलीभूत हो रही है क्या माता हमारी पूजा ग्रहण कर रही है?
इसके लिये निम्न सूचक अपनायें याद रखें ये सूचक परीक्षा के रूप में नहीं अपनाने हैं आप माता को प्रार्थना करें ये आपकी या मेरी भक्ति की परीक्षा नहीं है केवल मेरे श्रद्धा व विश्वास को बढाने व मेरे मन में और ज्यादा भक्ति जगाने का प्रयास है इसमें आप कृपया भक्ति की परीक्षा नहीं माने ।क्यों कि जिसने हमें बनाया है हम ना तो उसकी परीक्षा ले सकते ना हि हम उनको कोई परीक्षा दे सकते हैं इसलिये यहां जो सकेंत बताये गये हैं वो आपके साथ हो तो आप रोमांचित महसूस करकें अपनी भक्ति को और बढायें।
तथा तथा नहीं हो तो भी आप निराश नहीं हो इसे अपनी साधना की असफलता नहीं माने तथा माता से प्रार्थना करें कि वो आपके मन का अधंकार आपके अन्दर के तमोगुण दुर करके आपकी भक्ति व प्रेम को जगा देवे जिससे आपको इन सकेंतों का अनुभव मिल सके।
1. आप कच्चा नारियल छिल कर माता की चौकी पर भेंट स्वरूप रखें तथा यदि नारियल अपने आप चिटक जाये अथा्रत उसमें दरार आ जाये तो समझें माता ने आपकी प्रेमपूर्वक की गयी भेंट को स्वयं स्वाकार कर लिया है।
2.आप पंचमेवा का प्रसाद चढायें तथा प्रसाद में कुमकुम दिखायी दे तो इसे माता द्वारा प्रसाद ग्रहण करने का सूचक माने।
3.आप नवरात्रा पर कलश स्थापना करते समय गेहूं या जौ के ज्वारे उगायें इनमें यदि सफेद रंग का ज्वारा उगे तो इसे माता की कृपा का प्रतिक जाने।
4. यदि ज्वारों की लम्बाई कलश पर रखे नारियल से भी ज्यादा हो जाये तो भी इसे माता की कृपा व आपके प्रति प्रेम का सूचक मानें।
5.यदि आपको स्वपन में माता से संबधित अलौकिक अनुभव हो तो उसे भी अपने उपर कृपा मानें।
6. यदि कुछ भी अनुभव नहीं हो तथा उपर लिखे सकेंत में से कोई सकेंत नहीं हो तो भी आाखें बंद करके अपने आप को माता के प्रेम से सरोबार करके निवेदन करें कि माता मुझे कोई सकेंत नहीं देकर आपने मुझे अवसर दिया है कि मैं मेरी भक्ति को और भी बढाउं मैं मेरे तमोगुण को ओर भी कम करके आपके प्रति ओर ज्यादा श्रद्धा रखूं ऐसा आपने मुझे आदेश दिया है।
सोशल मिडीया व्यापिनी भक्ति:-
भक्ति का ये नया रूप व नया नाम मैने स्पेशल आपके लिये दिया है आप इस पोस्ट को मन में माता को भक्तिपूर्वक याद करके सोशल मिडीया पर शेयर करेगें तथा इस जानकारी से किसी को लाभ पहुंचेगा तो आपको सोशल मिडीया व्यापिनी भक्ति का लाभ मिलेगा इससे आपको क्या फायदा होगा ये सिर्फ अनुभव करने की बात है।
इसलिये ज्यादा से ज्यादा लोागों तक शेयर करके उनको नवरात्रा के बारे में जागरूक करें तथा आप भी सोशल मिडीया व्यापिनी भक्ति का लाभ लेवें।
अपनी शंका का समाधान कैसे करेंः-
आप निम्न लिंक पर कमेंटस में अपने प्रश्न पुछकर अपनी शंका का समाधान कर सकते हैं यदृपि लेखक के द्वारा सभी कमेंटस का जबाब देने का पूरा प्रयास किया जायेगा पर संभव है कि ज्यादा कमेंटस आ जाने पर या लेखक के अत्यधिक व्यस्त होने पर आपको जबाब ना भी मिले।
ज्यादातर लोग अपना कर्म भगवान के लिये न करके नौकरी बचाये रखने के लिये, बॉस की खुशी के लिये, पैसे कमाने के लिये करते हैं आपको कर्म वही करना है बस नजरिया चेंज करना है कि आप कर्म कंपनी नौकरी बॉस या पैसे के लिये न करके भगवान के लिये कर रहें हैं।
इसे ही निष्काम कर्म कहते हैं अर्थात् आप अपने कर्म को पुरस्कार या लाभ की आशा से मत किजिये आप अपने कार्य को कुशलता से भगवान का कार्य मानकर भगवान को खुश करने के लिये किजिये बॉस की चापलुसी करना बंद करके भगवान को अपना बॉस मानिये बॉस से पदोन्नति पुरस्कार व सम्मानित होने की आशा का त्याग कर दीजिये क्यों कि आप उस सर्वशक्तिमान ईश्वर के लिये जब कार्य करेगें तो आपको नाशवान दुनिया के झूठे व काल्पनिक पुरस्कारों व सम्मान प्राप्ति के लिये अपना खुन जलाने की आवश्यकता नहीं है क्यों कि जब आप इन पुरस्कारों व सम्मान की आशा त्याग देगें तो भगवान की तरफ से मिलने वाले पुरस्कार आपको दंग कर देगें।
अतः आपको फल की इच्छा से सकाम कर्म नही करना चाहिए कोई भी कर्म मात्र ईश्वर की इच्छा मान कर ईश्वर के निमित करना चाहिए।
अपने सभी कर्मो को भगवान के लिये सम्पूर्ण कुशलता से पूरा करने वाला कर्मो के बंधन से मुक्त हो जाता है।
अतः कर्म योग में कर्मो के फलो को त्याग कर व्यक्ति जन्म मरण के बंधन से छुटकर अमृतमय परमपद (मोक्ष) को प्राप्त होता है।
अपने धर्म का पालन करते हुए और कर्तव्य कर्म का आचरण करते हुए यदि युद्ध जैसी विकट परिस्थिति भी उत्पन्न हो जावे तब सुख-दुःख, लाभ-हानि, विजय- पराजय का विचार किये बिना युद्ध भी किया जाना उचित है।
अर्थात् आप यदि अपना कर्म भगवान के लिये निस्वार्थ भाव से कर रहें है तथा आप पर कोई लांछन लगाता है या आप पर गलत आरोप लगाता है या आपको प्रताड़ित करने या आपका शोषण करने का प्रयास करता है तो उसे करारा जबाब देना भी आपका दायित्व है क्यों कि गीता आपको कायरता नहीं सिखाती है कायरता तो कामचोर व आलसी लोग दिखाते हैं आप अन्याय अत्याचार व शोषण के विरूद्ध निस्वार्थ भाव से आवाज उठाते हैं तो ईश्वर से प्राप्त सहायता के कारण आपको विजय भी मिलेगी।
ये अंश मैने मेरी नयी पुस्तक "गीताज्ञान से मन की सुप्त शक्तियों को जागृत कैसे करें?" में से लिये हैं आपको यदि इस ज्ञान में रूचि उत्पन्न हुयी हो तो आप निम्न लिंक से मेरी नयी पुस्तक "गीताज्ञान से मन की सुप्त शक्तियों को जागृत कैसे करें?"ले सकते हैंः-
इस दीपावली पर फेसबुक व व्हाटसअप द्वारा फैलायी गयी जागरूकता के कारण चाईना की बनी हुयी लाईटों की मांग न के बराबर रह गयी है परन्तु बहुत कम लोग जानते हैं कि वास्तव में दीपावली में जयपुर में बने कासें के दीपक में तिल का तेल जलाने की परम्परा क्यों थी।
क्या है कासें के दीपक व तिल के तेल को जलाने का महत्व आज हम इसी पर प्रकाश डाल रहें हैं आप इसे पढें तथा कृपया सभी ग्रुपों व मित्रों में शेयर करने की सेवा भी करें क्या पता आपके छोटे से शेयर के कारण किसी की जिदंगी प्रकाश से भर जावे।
क्या आप दीपावली ( Dipawali) को दीपक जलाने का रहस्य जानते हैं?
क्या आप जानते हैं कि दीपावली को लक्ष्मी प्राप्ति व ऋण मुक्ति से क्यों जोडा गया है क्या आप दीपावली मनाते हैं उसके बाद भी आप अगली दीपावली तक लक्ष्मीवान नहीं बन पाते?
तो यह आलेख आपके लिये है।
दरअसल दीपावली अमावस्या के दिन आती है जो शनि का दिन होता है हमारे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह की उच्च स्थिती व उनकी कृपा से ही मनुष्य धनवान होता है व मकान बनवा पाता है।इसलिये दीपावली को जो तिल के तेल के दीपक जलाने का रिवाज है वो तेल अमावस्या होने से शनि ग्रह की दशा ठीक करने के लिये जलाया जाता है।
क्या आप
दीपावली को मोमबतियां जलाते हैं?
दीपावली को सरसों के तेल के दीपक जलाते हैं?
सिर्फ इलैक्ट्रोनिक लाईटें लगाते हैं सोचते हैं दीपकों के झंझट में कौन पड़े?
तो आप गलत कर रहें हैं दीपावली को कम से कम सवा लीटर तिल के तेल के दीपक जलाने से मनुष्य पर चल रही शनि की दशा उतर जाती है तथा वो धनवान व ऋणमुक्त बनता है उसे व्यापार धन्धे में फायदा होता है घर में फिजुलखर्च नहीं होते। ( Shani shadna to attract money and wealth)
चलिये अबके दीपावली को कम से कम सवा लिटर तिल्ली का तेल ( Sesame Oil) जलावें तथा यदि आप सोच रहें है दीपावली तो बहुत दुर है तो दीपावली के स्थान पर आप किसी भी अमावस्या को तिल के तेल के पांच दीपक जला कर घर की छत पर रख सकते हैं यदि आप यह प्रयोग दीपावली के अलावा अन्य अमावस्या को कर रहें हैं तो सवा लिटर तिल के तेल के दीपक एक साथ जलाना अनिवार्य नहीं है आप पांच दीपक जला सकते हैं उससे भी लाभ होगा।
तथा कृपया यह भी ध्यान रखें कि सवा लीटर तेल की शर्त न्यूनतम है आप अपनी आस्था व हैसियत के अनुसार जितना ज्यादा तिल के तेल के दिये जलावेगें उतना ही आपको लाभ पहुंचेगा शनि भगवान पर तेल चढाने का भी यहि रहस्य है आप शनिवार को भी तिल के तेल का दीपक (जलाकर) अपने घर के बाहर शनि भगवान के नाम का रख सकते हैं उस दीपक पर सिदुंर का तिलक लगाना ओर भी अच्छा रहता है।( Burn Sesame Oil Deepak With Sindur Marking on Deepak at Every Saturday for Shani Kripa) आप कासें के बने असली जयपुरी दीपक घर बैठे अमेजन से मंगवा सकते हैं कासें के दीपकों का धार्मिक व अघ्यातमिक महत्व तो है ही साथ ही इनकी रीसेल वैल्यू भी है तो यह रहा अमेजन का लिंक जिस पर जाकर अभी ओर्डर करने से आप घर बैठे यह दीपक मंगवा कर उपर बताया प्रयोग कर सकतें हैंः- Click on this Amazon Link for Buy Bronze Metal Deepak
अगली दीपावली तक चम्तकार देखें तथा आपकी कहानी कमेंट में शेयर करें ताकि ओर पाठकों का विश्वास बढें जिससे जो इस दीपावली को यह उपाय नहीं कर पाये वो अगली दीपावली को यह उपाय करें।
कृपया इस जानकारी को शेयर करके अपने ज्यादा से ज्यादा मित्रों तक आने वाली दीपावली तक पहुंचावें।